हर हर महादेव
-रश्मि घटवाई
"सुरतनु जिमण अने काशीनु मरण "ऐसा गुजरात में कहा जाता है । अर्थात कोई भोजन करें,तो सुरत में और अंतिम श्वास लें ,तो विश्व की प्राचीनतम नगरी काशी -वाराणसी में !दोनों स्थानोंका अपना अपना महात्म्य है ।वरुणा व अस्सी इन दो नदियों के बीच बसी होने के कारण वाराणसी नाम से जानी गयी यह नगरी विश्व की प्राचीनतम धार्मिक नगरी है ।मान्यता है कि साक्षात ईश्वर ने काल के साथ साथ अपने व्यक्त शरीर से वरुणा व अस्सी नदियोंको निर्माण किया और इनके संगम पर पवित्रतम स्थान काशी का भी निर्माण किया। शिव -पार्वती ने स्वयं इस स्थान का निर्माण किया होने के कारण व उनका यहां निरंतर वास होने के कारण इस स्थान को अविमुक्ता, आनंदवन, रुद्रवन नामोंसे भी जाना जाता है।१२ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग विश्वेश्वर अथवा विश्वनाथ, विश्वप्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थित है।"हर हर महादेव"की गूँज के साथ, अपरिमित श्रद्धाभाव के साथ श्रद्धालू विश्वनाथ शिव का पूजन करते हैं ।
देश में इस समय चुनाव का वातावरण अपनी चरम सीमा पर है । वाराणसी नगरी में इन दिनों गंगा की लहरों के साथ साथ चुनाव की लहर भी छाई हुई है ।भारतीय जनता पार्टी के प्रधान मंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं ।पूरे देश में मोदी की लहर है।वाराणसी में नरेंद्र मोदी की केसरिया लहर साफ़ दिखायी दे रही है। "हर हर महादेव"गूँज के साथ भाजपा को जीत दिलाने के लिये हिंदूओंकी पवित्र नगरी वाराणसी के मतदाता पूरी तरह से तैयार हैं।
मार्च के महीने में मैं ५ -६ दिन व्यक्तिगत काम के लिए वाराणसी गयी हुई थी। मैं जिस दिन सुबह वाराणसी पहुँची,चुनाव आयोग ने तभी उस दिन सोलहवी लोकसभा के लिए चुनाव घोषित किये थे , अत: मुझे बड़ी उत्सुकता थी ।वाराणसी को इसी पल का इन्तजार था।लेकिन उस वक्त वाराणसी से किसी भी राजनैतिक दल का उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया था।भारतीय जनता पार्टी वाराणसी में नरेंद्र मोदी को प्रत्याशी के रूप में उतारेगी ,इस बात की चर्चा तो बहुत हो रही थी परन्तु अधिकृत रूप से तब यह घोषणा नहीं हुई थी।मैंने वाराणसी में सभी स्तरों के लोगोंसे बातचीत की,तथा उनके विचारोंको जाना।
एयरपोर्ट के बाहर आतेही टैक्सी में बैठकर मैंने ड्राइवर को सहज अंदाज से वाराणसी का हालचाल पूछा।उसे मानों इसी प्रश्न का इन्तजार था।"बस अब सबको नरेंद्र मोदी का इन्तजार है।वाराणसी में नरेंद्र मोदी की लहर है।" वह बोला।न उससे मेरी कोई जान-पहचान थी,न उसे यह पता था कि मैं पत्रकार हूँ , पर एक घंटेभर के सफ़र में,बातोंमें उसने मुझे समूचे वाराणसी के व वाराणसी के लोगों के अंतरंग का दर्शन कराया। "वाराणसी में नरेंद्र मोदी जी की सभा हुई थी २० दिसंबर को,लेकिन व्यस्तता के चलते मैं नहीं जा पाया। उनकी सभा में भारी भीड़ थी। लोग चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ें। यहाँ की सड़के बहुत ख़राब हैं जिसके चलते यहाँ लोगों को बहुत ही असुविधा होती हैं। आये दिन ख़राब सड़कों के कारण दुर्घटनाएं होती रहती हैं। लोगों के वाहन क्षतिग्रस्त होते हैं। वाराणसी की जनता को विश्वास है कि आते ही नरेंद्र मोदी वाराणसी में जादू की छड़ी चला देंगे और वाराणसी को सुन्दर व् साफ़-सुथरा कर देंगे। यहाँ लाखो करोड़ों की संख्या में अपने देश से व विदेश से पर्यटक आते हैं। यहाँ रास्तें अच्छे हो जायेंगे तो और भी अधिक लोग आकर्षित होंगे।" टैक्सी चालक संतोष ने बताया।
वाराणसी में १२ मई को चुनाव होनेवाला है।लेकिन वाराणसी में तो उसी दिन से चुनावी वातावरण गरमाने लगा था। जिस रिज़ॉर्ट में मैं व मेरे पति रुके थे,वहाँ शांति थी। रिज़ॉर्ट सुन्दर,अत्यंत साफसुथरा था और वहाँ के केअर टेकर बहुत आतिथ्यशील थे।मैंने केअर टेकर को टीवी पर न्यूज चैनेल चला देने के लिए कहा।चुनावोंकी घोषणा तभी हुई होने के कारण सभी चैनेलोंपर केवल चुनावोंकी खबरें आ रही थीं।मुझे ध्यानपूर्वक खबरोंको सुनते हुए केअर टेकर ने देखा, तो स्वाभाविक अंदाज में बताने लगा ,"यहाँ मोदी की लहर है।" आपको सबसे अधिक सताने वाली इस शहर की सबसे गम्भीर समस्या क्या है ?मेरे इस प्रश्न पर वह तुरंत बोला,"ख़राब रास्ते !वाराणसी में जितनी ख़राब सड़कें हैं ,उतनी कहीं नहीं होंगीं। " उसके विचार में मोदी वाराणसी से जीतेंगे और तभी वाराणसी का कायापलट होगा।
रिज़ॉर्ट की व्यवस्था के बारे में हमारी राय जानने के लिए रिज़ॉर्ट के व्यवस्थापक अमित सिंह हमसे बातचीत करने लगे,तो स्वाभाविक रूप से संभाषण राजनीती व् आनेवाले चुनावोंकी तरफ बढ़ा। "वाराणसी में १२ मई को चुनाव होनेवाला है।लेकिन वाराणसी में ही नहीं,बाहर भी मोदी की लहर है।" वह बताने लगे।उनकी वाणी बहुत ही उच्च अभिरुचिपूर्ण तथा व्यवहार शालीन व मृदु था। तीस वर्षीय अमित सिंह को लेखन का शौक है।"मैं मूलत:बलिया का रहनेवाला हूँ। अभी बाहरगाँव से लौट रहा हूँ। ट्रेन में मूंगफल्ली वाला मूंगफल्ली बेच रहा था,और बोल रहा था,नमो नमो चौदह !तो मैंने उसे बोला कि भैय्या तुम तो पार्टी के आदमी लग रहे हो! नमो नमो चौदह कहकर मूंगफल्ली बेच रहे हो,तुम्हारा इशारा तो सीधे २०१४ के चुनावोंकी तरफ है। तुम मोदी जी का प्रचार कर रहे हो !तो मूंगफल्ली वाला मुझसे कहने लगा,कि मैं अकेलाही नहीं पूरा देश मोदी जी का प्रचार कर कर रहा है!पूरा देश चाहता है कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हों और देश का विकास हो!" अमित सिंह के विचार में वाराणसी में भगवा ही फहरेगा।वाराणसी में "हर हर महादेव" नारा ही गूँजेगा!उनके विचार में काँग्रेस लगभग ख़तम हो चुकी है।" आम आदमी पार्टी का कोई विज़न नहीं है। केजड़ीवाल तानाशाह है,सत्तालोलुप हैं। उनकी बॉडी लैंग्वेज में आत्मविश्वास नहीं है। उनको देख कर लगता नहीं कि वह कुछ करेंगे ,जबकी मोदीजी को देखकर लगता है,कि ये हमारे लिए,इस देश के लिए कुछ करेंगे। देश में व्यापक बदलाव लायेंगे।
" सपा तो केवल मुसलमानोंकी पार्टी है। मुलायम सिंह नब्बे प्रतिशत मुसलमानों के हित में और दस प्रतिशत यादवोंके हित में सोचते हैं। फेसबुक पर भी उन्होंने 'मुल्ला+यम' यही अपनी पहचान दी है। आज़मखान की भैसोंको ढूँढने के लिए उन्होंने दिन रात एक कर दी। पर कुछ ३-४ महीने पहले यहाँ चाँदपुर गाँव में एक ही परिवार के चार लोग मारे गए,उनके हत्यारोंको ढूँढने के लिए उन्होंने कुछ भी नहीं किया। रूस के राष्ट्राध्यक्ष भी कहते हैं कि उनके देश में अल्पसंख्यकों को अल्पसंख्यकों की तरह ही रहना होगा,पर अपने यहाँ अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण किया जाता है।उन को बहुत अधिक महत्त्व दिया जाता है।"अमित सिंह बताते हैं ।"वाराणसी में भगवा ही फहरेगा",दृढ़ विश्वास के साथ वह दोहराते हैं ।
रिज़ॉर्ट के मालिक विजय प्रकाश चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। राजनीति में उन्हें रूचि है।उनसे हुई अनौपचारिक बातचीत के दरम्यान सी ए विजय प्रकाश ने बताया कि देश में और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में कैसे जाति -धर्म पर आधारित मतदान होता है।
"उत्तर प्रदेश में १९ जिले ऐसे हैं ,जो मुस्लिमबहुल हैं। रामपुर में ४२ प्रतिशत मुस्लिम समाज के वोट होने के कारण वहाँ से मुस्लिम प्रतिनिधि चुनकर आता है।"वे बताते हैं। "वैसे देखा जाये तो नाम भलेही रामपुर है उस जगह का;पर है तो वह रहिमपुर!"मेरी इस टिपण्णी पर वह बताते हैं ," मुस्लिमोंका एक ही नारा होता है;सबसे पहले भाई ,फिर सपाई ,फिर काँग्रेस आई,कोई न मिलें,तो बसपाई ! किसी भी पार्टी का मुस्लिम उम्मीदवार हो,तो मुस्लिम मतदाता पार्टीके भेदाभेदों को भुलाकर मुस्लिम उम्मीदवार को इकट्ठा मत देंगे। मुस्लिम उम्मीदवार नहीं होगा,तो फिर सपा के उम्मीदवार को अपना मत देंगे,क्योंकि समाजवादी पार्टी उन्हीं के पक्ष में है।उत्तर प्रदेश में मुस्लिम मतदाता जिसके साथ चिपक जायेंगे उसकी सरकार बनेगी। उत्तर प्रदेश में इसी के चलते सत्ता परिवर्तन हुआ।परन्तु इस बार मुजफ्फर नगर दंगोंके कारण मुस्लिम मतदाता सपा से नाराज है। पश्चिम बंगाल में ममता मुस्लिमोंके मतों के कारण मुख्यमंत्री बनीं। यदि वह भाजपा के साथ जाएँगी तो पश्चिम बंगाल के उनके मुस्लिम मतदाता उनसे नाराज़ हो जायेंगे।दिल्ली में आम आदमी पार्टी वाल्मीकि समाज और मुस्लिम मतदाता के वोटोंपर जीती थी।सबसे बड़ी बात यह है कि पढ़े-लिखे लोग मतदान नहीं करते। अनपढ़ लोग इकट्ठा उसपर छप्पा मारते हैं-अर्थात एकसाथ मत देते हैं, जिसपर छप्पा मारने के लिए उनसे कहा जाता है।वाराणसी में ब्राम्हण हैं और वैश्य अधिक हैं ।परन्तु बनिया बँट जाता है। वह एकजूट नहीं होता। क्या कारण है कि सर्विस टैक्स वकीलोंपर नहीं लगा,पर चार्टर्ड एकाउंटेंट पर सर्विस टैक्सलगाया गया है। क्या वकीलोंकी सेवा सर्विस के अंतर्गत नहीं आती ?उसका कारण यह है, कि नब्बे प्रतिशत वकील मत देते हैं।पूरे देश में चार्टर्ड एकाउंटेंट डेढ़ लाख कि संख्या में होंगे। इसका मतलब चार्टर्ड एकाउंटेंट का वोट मात्र एक प्रतिशत है और वकिलोंका वोट शेअर नब्बे प्रतिशत होने के कारण उनके हित में,सर्विस टैक्स वकीलोंपर नहीं लगा ।पहले वोट देखा जाता है।" चार्टर्ड एकाउंटेंट विजय प्रकाश बताते हैं।
कुछ समय पश्चात वाराणसी से भाजपा के लोकसभा चुनावों के प्रत्याशी के रूप नरेंद्र मोदी के नाम की अधिकृत घोषणा कर दी गयी ,तो वाराणसी में गंगा की लहरोंके के साथ साथ हर्षोल्लास की लहर भी छा गयी।परन्तु विरोधी दलों ने हेतुत: वाराणसी के वर्त्तमान सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी द्वारा वाराणसी से नरेंद्र मोदी को भाजपा के प्रत्याशी घोषित होनेपर आपत्ति जताई होने की अफवाहें फैला दीं।इन दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच भिडंत होने की खबरें मीडिया में आने लगीं। अत: वास्तविकता जानने के लिए मैंने वाराणसी में मेरा जिन युवाओंसे परिचय हुआ था,उन युवाओंसे दूरभाष पर बातचीत की। ८ मार्च की शाम को पर्यटन हेतु मैं वाराणसी के रामनगर किले में गयी थी। जब किला देखकर मैं बाहर आयी थी,तो मैंने देखा कि रामनगर किले के निकट के एक छोटेसे टी -स्टॉल पर कुछ युवक नरेंद्र मोदी के "चाय पर चर्चा "कार्यक्रम के आयोजन की तैय्यारी में जूटे हुए थे। अमाप उत्साह के साथ वे नौजवान बड़ी सी स्क्रीन (परदा ) तथा "चाय पर चर्चा "कार्यक्रम के बैनर लगा रहे थे। उत्सुकतावश मैंने उनसे बातचीत की ,तो वे बताने लगे,की देश का युवा वर्ग यही चाहता है कि मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें।मीडिया में जब डॉ. मुरली मनोहर जोशी व नरेंद्र मोदी के बीच कथित द्वंद्व की बात जोरोशोरोंसे उछाली जाने लगी, तो मैंने वास्तविकता जानने के लिए इन्हीं युवकोंसे दूरभाष पर बातचीत की,और पाया कि अफवाहों के विपरित चित्र था। न तो इन दो नेताओंके बीच कोई मन-मुटाव था,न इन दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच कोई अनबन थी।
डॉ अनुपम गुप्ता वाराणसी के आकाशवाणी केंद्र पर निवेदक हैं तथा उन्होंने विधि में- (Law )में डॉक्टरेट प्राप्त की है। " डॉ. मुरली मनोहर जोशी विरुद्ध नरेंद्र मोदी यह चर्चा तथा दोनों में विवाद होने की अफ़वाहें मीडिया में हेतुत: फैलायी जा रही हैं।न ही इनके समर्थकोंके बीच,मिडीया जैसे फैला रहा है,कोई लड़ाई-झगडे हो रहे हैं।भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता कमल खिलाने में विश्वास रखता है,उसी दिशा में कार्य कर रहा है।भाजपा के वतर्मान सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने पहले के काँग्रेस के सांसद को हराकर यह सीट जीती है। इस सीट पर भाजपा की ही विजय हो ,इसके लिए भाजपा के कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं।" वे कहते हैं। सर्वसामान्य व्यक्ति आज भी समझ नहीं पा रहा है कि दोषी और दागी मुख़्तार अन्सारी जेल में रहते हुए भी कैसे चुनाव लड़ सकता है और लालू जैसे लोग दोषी होकर भी जेल से बाहर आ जाते हैं। मेरी इस टिपण्णी पर वे बताते हैं कि मुख़्तार अन्सारी को सजा घोषित नहीं हुई है।मुख़्तार अन्सारी, अरविंद केजडीवाल आदि लोग नरेंद्र मोदी के विरोध में खड़े है,उस स्थिति पर भी वे विस्तृत चर्चा करते हैं। इस बार मतों का ध्रुवीकरण होकर हिंदुओं का मत नरेंद्र मोदी को मिलेगा ,ऐसा उन्हें लगता है।
"यहां हर हर महादेव नारा गूंजेगा " भाजयुमो के वाराणसी के जिलाध्यक्ष संतोष द्विवेदी बताते हैं।
"डॉ .मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी इनमें कोई मनमुटाव भी नहीं है। वाराणसी की सीट को लेकर दोनों में कोई कलह भी नहीं है। अरविंद केजडीवाल को वाराणसी नगरी रत्तिभर भी महत्त्व नहीं देती। यह पूर्वांचल है।यह वाराणसी है ;कोई दिल्ली या गाज़ियाबाद नहीं ,कि यहाँ केजडीवाल को वोट मिलेंगे।उनको या 'आप 'को यहां तिनकेभर भी नहीं पहचानता कोई!" द्विवेदी बताते हैं।
"कितनी अजीब बात है की पिछले १० सालो से काँग्रेस इस देश को चला रही है और कई हजार करोड़ के घोटाले हुए |लेकिन केजरीवाल नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोले हैं ।भारत एक ज़माने में सोने की चिड़िया कहलाता था। भारत को पहले अंग्रेजोंने लूटा,फिर काँग्रेस ने लूटा। गांधी जी ने भी कहा था कि स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद काँग्रेस का अस्तित्व मिटा देना चाहिए।इतने हजारों -करोड़ों रुपयोंके घोटाले करनेवाले काँग्रेस का अस्तित्व मिटा देने का यही सबसे उचित समय है। " अर्जुन सिंह बताते हैं।
इन सभी से हुई व्यापक चर्चा का सार एक ही था,कि 'वाराणसी में भगवा ही फहरेगा।वाराणसी में "हर हर महादेव" नारा ही गूँजेगा।'
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